दिल्ली सरकार द्वारा एक बार फिर से बाइक टैक्सी के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि वह बाइक टैक्सी संचालकों को नीति अधिसूचित होने तक राजधानी में बाइक टैक्सी के संचालन पर रोक लगाने को कहेगी। परिवहन विभाग ने राजधानी में पहले भी बाइक टैक्सी के संचालन के खिलाफ आगाह किया था, कि अधिनियम 1988 का उल्लंघन करने पर उन्हें ₹100000 तक का जुर्माना देना पड़ेगा । आइए जानते हैं विस्तार से
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश पर लगाई रोक
हाई कोर्ट ने कुछ दिन पहले बाइक टैक्सी एग्रीगेटर रैपीडो और उबर को दिल्ली में परिचालन की अनुमति दे दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी है।
परिवहन विभाग ने पहले ही दी थी चेतावनी
जानकारी के लिए आपको बता दें परिवहन विभाग ने इस साल फरवरी में भी बाइक टैक्सियों को दिल्ली की सड़कों पर चलाने पर रोक लगाई थी, और उन्हें चेतावनी दी थी कि यह मोटर वाहन अधिनियम 1988 का उल्लंघन है, जिसके लिए उन्हें एक लाख का जुर्माना भी देना पड़ सकता है, और गाड़ी भी जप्त जा सकती हैं।
परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने क्या कहा
परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा का कहना है कि सरकार द्वारा एग्रीगेटर्स को पत्र लिखा जाएगा और मीडिया की मदद से शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करने / कार्यवाही का सामना करने की अपील भी किया जाएगा। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि वह उन्हें लिखेंगे कि यह जिम्मेदार कंपनियां हैं और अपने चालक भागीदारों को पंजीकरण होने तक संचालन से दूर रहने की सलाह देनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह का संचालन उनके लिए हानिकारक है, ऐसे में वह उन लोगों को भी खतरे में डाल रहे हैं जो जाने अनजाने में उनका साथ दे रहे हैं। आशीष कुंद्रा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी के लिए बाध्यकारी है। इस बारे में अदालत में विभाग द्वारा यह कहा गया था कि उनकी ओर से पहले ही एक मसौदा योजना जारी कर दी गई है, और जल्दी इस योजना का फाइनल रूप दिया जाएगा। हालांकि इस स्थिति में अभी तक सभी बाइक और टैक्सियों को चलाने पर रोक लगाया गया है।