पिता का हो गया था देहांत, माँ ने बकरी और भैंस पालकर दिलायी शिक्षा, पहले ही प्रयास में बेटा बना IAS

आपने आज तक कई ऐसी सक्सेस स्टोरी सुनी होगी जिसके बारे में जानकर आप को काफी प्रेरणा मिली होगी। तो आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं। जिनका नाम है विशाल कुमार और यह IAS के पद पर है। हम आपको बताएंगे किस तरह से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और किन संघर्षों के बाद UPSC परीक्षा में 484वीं रैंक हासिल की।

UPSC परीक्षा में 484वीं रैंक हासिल की

कहां जाता है अगर हम किसी भी चीज के लिए शिद्दत और लगन से मेहनत करें तो,वह हमें जरुर हासिल होती है। बिहार के इस महंती व्यक्ति विशाल कुमार ने भी ऐसी ही कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है। इनके पिता मुजफ्फरपुर  के मीनापुर प्रखंड स्थित मकसूद पुर गांव के रहने वाले थे। और यह पेशे से यह एक मजदूर थे। ऐसे ही मेहनती पिता के बेटे विशाल कुमार ने देश की UPSC परीक्षा में 484वीं रैंक हंसिल की है।

पारिवारिक स्थिति

बचपन में ही इनके पिता का देहांत हो गया था और इनकी मां रीना देवी ने अकेले पशुपालन करके और बहुत ही संघर्ष के साथ अपने बच्चों को पाला घर का खर्च चलाया और इसी के साथ साथ अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा भी प्रदान की।

बी. टेक के बाद घर का खर्चा चलाने के लिए नौकरी की

विशाल बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। मेट्रिक करने के बाद उन्होंने अपने जिले में प्रथम स्थान पाया और फिर IIT कानपुर पढ़ने के लिए चले गए। और बी. टेक करने के बाद ही वह नौकरी में जुट गया कि अपने परिवार को अच्छी तरह से चला सके।

कैसे हासिल किया 484वीं रैंक

थोड़े समय बाद विशाल लिए नौकरी से अलविदा लेकर स्कूल में पढ़ाने के लिए जुट गए। और साथी साथ उन्होंने UPSC परीक्षा उत्तीर्ण करने का फैसला ले लिया था। इसके बाद upsc की तैयारी करने के लिए वह दिल्ली शिफ्ट हो गए, और वहां पर उनके टीचर्स ने भी उनका पूर्ण सहयोग किया। अपने अध्यापकों से विशाल को किताबों और पैसों के माध्यम से काफी मदद मिली।वही विशाल भी अपनी पूरी लगन और मेहनत के साथ upsc की तैयारी करने में जुट गए थे। और साल 2021 में अपने पहले ही अटेम्प्ट में विशाल कुमार ने 484वीं रैंक लाकर पूरे बिहार शहर को गर्व का एहसास कराया और अपनी उत्तीर्णता का परचम लहराया।

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