दिल्ली से जल्द शुरू हो सकती है रैपिड रेल, 3 से 4 रुपया होगा प्रति किलोमीटर किराया

दिल्ली से मेरठ के बीच की यात्रा को सुगम और सुचारू रूप से चलाने के लिए जल्द ही चालू हो सकती है दिल्ली मेरठ रैपिड ट्रेन। रिपोर्ट के मुताबिक रैपिडेक्स ट्रेन के पहले चरण के उद्घाटन की तैयारी के साथ-साथ ट्रेन के किराए पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है, इस बात की उम्मीद लगाई जा रही है कि अगले हफ्ते तक इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है,वही अनुमान लगाया जा रहा है इस ट्रेन का किराया ₹3 से ₹4 प्रति किलोमीटर हो सकता है यानी कि दिल्ली से मेरठ के बीच का किराया लगभग ₹200 के करीब हो सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से –

दिल्ली-मेरठ रूट के लिए बनेगा नया किराया चार्ट

नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन द्वारा दिल्ली (आनंद विहार) से मेरठ रूट के लिए किराए पर फिर से चार्ट तैयार किया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली- मेरठ रूट के पहले चरण के संचालन की तैयारी के बीच रैपिडेक्स के किराए के प्रस्ताव को जल्द ही अनुमति मिल सकती है।

दिल्ली मेरठ रूट के बीच का किराया ₹3 से ₹4 प्रति किलोमीटर

भारतीय रेलवे इस मार्ग पर यात्रियों के आवागमन को यात्रियों के अनुकूल और आरामदायक बनाने के लिए इस रास्ते पर परिवहन के अन्य माध्यमों के साथ प्रतिस्पर्धा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक इस रूट का किराया ₹3 से ₹4 प्रति किलोमीटर हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली से मेरठ का किराया ₹200 हो सकता है।

दिल्ली-देहरादून वंदे भारत ट्रेन के अनुसार

हाल ही में दिल्ली – देहरादून वंदे भारत ट्रेन चलाई गई। दिल्ली से देहरादून की यात्रा के दौरान इसमें एक स्टॉपेज मेरठ भी पड़ता है। जानकारी के लिए आपको बता दें इस ट्रेन में दिल्ली से मेरठ के बीच चेयर कार का किराया ₹485 है।

आईआरटीएस को मेट्रो की तरह दैनिक यात्रियों को सुविधा प्रदान कराना है

रेलवे द्वारा आईआरटीएस को मेट्रो की तरह दैनिक यात्रियों की यात्रा को बेहद आसान, उपयोगी और किफायती बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। रैपिडेक्स के पहले चरण के उद्घाटन में साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर तक का किराया ₹50 निर्धारित किया गया है। दिल्ली- मेरठ रैपिड ट्रेन का उद्देश्य शहरी परिवहन को सुगम, सरल और समय के अनुरूप सुव्यवस्थित और सटीक बनाना है। जानकारी के लिए आपको बता दें इस समय दिल्ली से मेरठ जाने के लिए साधनों के कई विकल्प मौजूद है जैसे सार्वजनिक बस सेवाएं और निजी वाहनों द्वारा एक्सप्रेस वे का इस्तेमाल किया जाना।

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