प्रधानमंत्री मातृ वंदना scheme का पोर्टल करीब 1 महीने से ठप पड़ा है। जिसके अंतर्गत करीब 28% लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं सीएमओ ने कहा है कि इस योजना के अंतर्गत अब तक 72% महिलाओं को लाभ दिया जा चुका है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं सुधार और इलाज के साथ-साथ दवाइयों के खर्च उठाया जाते हैं। यह schemeगर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए सरकार की ओर से चलाई जाती है।
scheme का उद्देश्य माताओं के स्वास्थ्य एवं सुधारपर ध्यान देना है। प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन पोषण के प्रभाव को कम भी करना है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत ऐसे महिलाओं के खाते में हर साल ₹5000 डाले जाते हैं। महिलाओं के अकाउंट में डाले गए यह ₹5000 तीन किस्तों के जरिए डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेज दिए जाते हैं।
गर्भावस्था के पंजीकरण के समय डाले जाते है 1000 रूपये
इस scheme में पहली किस्त के ₹1000 जब महिला गर्भावस्था में रहती है तब पंजीकरण के सामने डाले जाते हैं। वही इसकी दूसरी किस्त तब आती है जब महिला 6 महीने की गर्भावस्था के कम से कम 1 प्रसवपूर्ण जांच कराती है। इसमें महिला को ₹2000 दिए जाते हैं। इसके बाद तीसरी किस्त ₹2000 की बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाने पर दिए जाते हैं।
ऐसे में जो महिलाएं दैनिक वेतनमान पर काम कर रही है या फिर जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। यह योजना ऐसी महिलाओं के लिए ही शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश गर्भावस्था के दौरान मजदूरी में हुए नुकसान को कम करना है। ऐसे में इस योजना का लाभ वह महिलाएं नहीं उठा सकती हैं जो किसी भी केंद्रीय या फिर राज्य सरकार के उपक्रम से जुड़ी हुई है।
पहली जीवित संतान होने पर मिलेगा लाभ
इस scheme का लाभ महिलाओं को मात्र पहली जीवित संतान होने पर दिया जाता है। सरकार द्वारा दिए गए इन ₹5000 से गर्भवती महिला अपना इलाज दवाओं का खर्च आदि करा सकती है। वही सरकार द्वारा इस ₹5000 से आर्थिक मदद मिलने से महिलाएं आराम करने का भी समय निकाल सकती है।