केरल की एक 68 साल की बुजुर्ग महिला ने तकरीबन 4000 दूध की थैलियों का इस्तेमाल करके एक अलमारी तैयार की। उनका यह काम काबिले तारीफ है। सिर्फ यही नहीं उन्होंने पिछले 3 साल से दूध की थैलियों का इस्तेमाल करके कई शानदार चीजें बनाई हैं। आइए जानते हैं इन महिला के बारे में और उनके इस काम के पीछे के उद्देश्य के बारे में विस्तार से –
आज हम जिनके बारे में बात कर रहे हैं उन महिला का नाम है लीलाम्मा मैथ्यू। उन्होंने 68 साल की उम्र में पर्यावरण सुरक्षा और जरूरतमंद लोगों को रोजगार दिलाने की नियत से इतना अच्छा काम करने का सोचा है जिसके लिए इनकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।
इस काम को शुरू करने के पीछे का क्या है उद्देश्य ?
दरअसल 3 साल पहले तक यह भी बाकी लोगों की तरह ही दूध की थैलियां या तो कचरे में फेंक दिया करती थी या फिर उन्हें जला दिया करती थी। और ऐसा वो तब तक करती रहीं जब तक उन्हें प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में नहीं पता था। एक दिन उन्हें प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में पता चला और फिर उन्होंने इस विषय पर काफ़ी रिसर्च किया । जिसके बाद वह दूध की थैलियों को इकट्ठा करके उन्हें साफ करके धूप में सुखाने लगी,और 1 दिन उन्होंने इकट्ठा की हुई उन थैलियों से एक छोटा सा बैग बनाया, जिसकी लोगों ने खूब प्रशंसा की जिसके बाद वह उन थैलियों की मदद से कई डेकोरेटिव आइटम्स बनाने लगी। और आज तक उन्होंने इन थैलियों की मदद से कई सारी यूज़फुल चीजें बनाकर के लोगों को मुफ्त में भी दी है।
लोगों में बांटना चाहती हैं अपनी कला
लीलम्मा और लोगों में भी अपनी इस कला को बांटना चाहती है। वह लोगों को यह काम सिखाना चाहती हैं । जिससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहे और जरूरतमंद लोगों को रोजगार भी मिल सके। वाकई काबिले तारीफ है इनके द्वारा उठाया गया यह कदम।