ड्राइविंग करने के लिए भी कुछ रूल्स और रेगुलेशंस होते हैं ऐसे में ड्राइविंग करते समय सभी नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। अगर आप जाने या अनजाने में किसी भी नियम को तोड़ते हैं तो आप चालान या कुछ महीने की कैद भी हो सकती है। ऐसे में इससे जुड़े कई तरह के नियम है जैसे हेलमेट नहीं पहनने, गाड़ी का रजिइन स्ट्रेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस या फिर इंश्योरेंस नहीं होने पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा मौके पर ही चालान काटा जा सकता है, लेकिन यदि आप ड्रिंक करके ड्राइविंग करते हुए पकड़े जाते हैं तब आपकी गाड़ी को पुलिस जब्त कर लेगी। वहीं आपकी मुसीबत और बढ़ जाएगी क्योंकि पुलिस द्वारा ज़ब्त की गई आपकी गाड़ी आपको कोर्ट से छूटानी पड़ेगी।
ड्रिंक एंड ड्राइव पर लग सकती है यह धारा
यदि आप ड्रिंक करके गाड़ी चलाते हैं तब ऐसे में आपके ऊपर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 लगाई जाती है। वहीँ आपका वाहन मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 207 के तहत जब्त हो सकता है। वहीँ आपको अपनी गाड़ी के पेपर्स मूलप्रति माननीय सी.जे.एम. कोर्ट में दिखाना होगा। जिससे आपके वाहन के चालान का सोल्यूशन किया जा सके।
इतने रूपये का लग सकता है जुर्माना
अगर आप गाड़ी की सीटबैल्ट लगाए बिना ड्राइविंग करते है तो उसपर आपको 100 रुपए का जुर्माना लग सकता है। वहीँ आपके गाड़ी का इंश्योरेंस नहीं है तो आप पर 1000 रुपए का जुर्माना लग सकता है। अगर आपके गाड़ी के पपेरस्व नहीं है तो आप पर 500 रुपए का जुर्माना लग सकता है, बिना लाइसेंस पकड़े जाने पर 500रुपए, वही यदि आप गाड़ी चलाते समय मोबाइल फ़ोन का स्तमाल कर रहे हैं आप पर 1000 रुपए का चालान लग सकता है। यदि आप शराब पीकर वाहन चलाते है तो आप पर 10000 रुपए का जुर्माना किया जाता है या 6 महीने की जेल भी हो सकती है।
गाड़ी में इन पेपर्स का होना जरूरी
वहीं यदि आपके गाड़ी के पेपर्स पुरे नहीं है तो आप पर कई तरह के जुर्माने लग सकते हैं जैसे लाइसेंस न होने पर मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 3,गाड़ी का रजिस्ट्रेशन न होने पर मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 39, फिटनेस न होने पर मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 56, परमिट न होने पर मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 66, गाड़ी का बीमा न होने पर मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 146 के अनुसार आपको सज़ा हो सकती है।