गोरखपुर वासियों को भारतीय रेलवे की ओर से एक बहुत बड़ी सौगात मिलने वाली है। भारतीय रेलवे इन दिनों कई स्टेशनों के पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण का कार्य बहुत तेजी से कर रहें हैं। इसी कड़ी में गोरखपुर स्टेशन के भी सौंदर्यीकरण का काम चालू हो गया है। जानकारी के लिए आपको बता दें गोरखपुर स्टेशन का पुनर्विकास आने वाले 50 सालों को ध्यान में रखकर के किया जाएगा। आइये जानते हैं क्या है गोरखपुर जंक्शन पुनर्विकास मॉडल और इसमें लगभग कितनी लागत लगेगी –
गोरखपुर जंक्शन पुनर्विकास मॉडल
गोरखपुर जंक्शन स्टेशन के सौंदर्यीकरण के मॉडल में वहां के सांस्कृतिक विरासत और वस्तु कलाओं सुसज्जित किया जाएगा जिसे स्टेशन की डिजाइन में वहां की संस्कृति की झलक देखने को मिल सके। स्टेशन के मुख्य भवन को 5855 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 17900 वर्ग मीटर किया जाएगा वहीं द्वितीय प्रवेश द्वार जो कि 720 वर्ग मीटर है उसे 7400 वर्ग मीटर में किया जाएगा। वहीं 10800 वर्ग मीटर में रो प्लाजा का निर्माण किया जाएगा जहां फूड आउटलेट्स होंगे, वेटिंग हॉल होंगे, एटीएम की सुविधा दी जाएगी और किड्स प्ले एरिया का भी निर्माण किया जाएगा। रूफ प्लाजा से प्लेटफार्म तक आने के लिए तथा प्रवेश और निकास द्वार को 44 लिफ्ट और 21 एक्सीलेटर के माध्यम से जोड़ा जाएगा और 300 वर्ग मीटर में टिकट काउंटर बनाए जाएंगे। 6300 वर्ग मीटर में वेटिंग एरिया बनाए जाएंगे, जहां आराम से 35 सौ यात्री एक साथ बैठकर गाड़ी का इंतजार कर सकेंगे। इसके अलावा गोरखपुर स्टेशन जंक्शन में दो मल्टीपरपज वाणिज्यिक टावर बनाए जाएंगे जिसमें यात्रियों को मल्टीलेवल कार पार्किंग, बजट होटल और कमर्शियल शॉप आदि की सुविधाएं प्राप्त होगी।
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने पुनर्विकास को लेकर क्या कहा
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने गोरखपुर जंक्शन स्टेशन के पुनर्विकास को लेकर बोला है कि जब यह स्टेशन पूरी तरह से विकसित हो जाएगा तो यहां विकास और विरासत का एक अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का पुनर्विकास करके इसे वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने की कोशिश की जा रही है जिससे यहाँ आने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं को वर्ल्ड क्लास लेवल का स्टेशन मिल सके जिससे उनकी यात्रा और भी सुगम बन सके।
क्या होगी गोरखपुर जंक्शन स्टेशन के पुनर्विकास की लागत
गोरखपुर जंक्शन स्टेशन के पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण कार्य में अनुमानित लागत लगभग ₹693 करोड रुपए आएगी। स्टेशन के पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण का कार्य आने वाले अगले 50 सालों को ध्यान में रखकर किया जाएगा, रिपोर्ट के मुताबिक उस समय स्टेशन पर यात्रियों के आवागमन की संख्या लगभग 1,68,000 यात्री प्रति दिन होगी।