बाप करता था ईट भट्ठे पर मजदूरी, बेटा ने दूसरे ही प्रयास में यूपीएससी पास कर बढ़ाया सम्मान

मंजिल तक पहुंचने के लिए कभी खुद से लड़ना पड़ता है, तो कभी हालातों से लड़ना पड़ता है लेकिन अगर रास्ता इतना आसान होता तो संघर्ष की कोई कहानी नहीं होती। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रहने वाले मुक्तेंद्र कुमार ने इस बात को साबित करके दिखाया है। जिन्होंने लगातार तीन साल यूपीएससी की तैयारी की और दूसरी प्रयास में ही यह परीक्षा निकाल लिया लेकिन उनकी इस सफलता के पीछे की कहानी सुनकर आप इनकी वाहवाही करते नहीं थकेंगे।

पिता करते हैं ईट भट्टी में मजदूरी

मुक्तेंद्र कुमार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार से हैं उनके पिता ईट भट्टी में मजदूरी का काम करते हैं उत्तर प्रदेश के बिजनौर में यह एक झोपड़ी में रहते हैं उनके घर की हालत यह थी कि बारिश में छत से पानी टपकता था लेकिन वह आर्थिक रूप से बेहद कमजोर थे जिसकी वजह से इसे ठीक भी नहीं करा सकते थे लेकिन मुक्तेंद्र ने इसके बावजूद भी हार नहीं मानी और अपने इस हालात से परेशान की बजाए उन्होंने अपने जीवन में कुछ बड़ा करने की ठान ली।

सबसे पहला लक्ष्य अपने घर की हालत को सुधारना

मीडिया से बातचीत के दौरान मुक्तेंद्र ने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा निकालने के बाद उनका सबसे पहला लक्ष्य उनके घर की हालत को सुधारना है। उन्होंने बताया कि वह केवल एसएससी की परीक्षा के बारे में जानते थे। लेकिन जैसे ही उन्हें यूपीएससी के परीक्षा के बारे में पता चला तो उन्होंने इसे निकालने का निश्चय कर लिया। जिसके बाद उन्होंने लगातार तीन साल यूपीएससी की तैयारी की दूसरे ही प्रयास में यह परीक्षा निकाल कर सफलता हासिल कर ली। आपको बता दें उन्होंने यूपीएससी परीक्षा 2022 में 819 वी रैंक हासिल की।

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