दिल्ली सरकार की ओर से गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के ईस्ट दिल्ली केंपस की शुरुआत आज से हो गई है।जानकारी के लिए आपको बता दें IP यूनिवर्सिटी का द्वारका के बाद यह दूसरा जबरदस्त कैंपस है। इस बात की जानकारी दिल्ली के चीफ मिनिस्टर श्री अरविंद केजरीवाल जी ने अपने टि्वटर हैंडल द्वारा दी साथ ही दिल्ली वासियों को बधाई भी दी। आइए जानते हैं दिल्ली के चीफ मिनिस्टर सर ने इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के कैंपस के बारे में क्या जानकारी दी
दिल्ली के चीफ मिनिस्टर श्री अरविंद केजरीवाल जी ने आज गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी का उद्घाटन किया और उसी के साथ इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी साझा की।
कैसी होगी गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी
श्री अरविंद केजरीवाल जी ने पूरे कैंपस का निरीक्षण किया जिसके बारे में उन्होंने अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बोला है कि कैंपस की शानदार फैसिलिटी और और खूबसूरती को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि आर्किटेक्चर पॉइंट ऑफ व्यू और फैसिलिटी के पॉइंट ऑफ व्यू से यह कैंपस देश का सबसे बेस्ट कैंपस साबित हो सकता है। जिसके लिए उन्होंने पूरे देशवासियों को बधाई दी और खासकर पूर्व दिल्ली वासियों को क्योंकि पूर्व दिल्ली में ऐसा कैंपस अभी तक नहीं था।
कैंपस खुलने से सुधरेगी आसपास की अर्थव्यवस्था में बढ़ेंगे रोजगार के साधन
इसके अलावा दिल्ली के चीफ मिनिस्टर सर के मुताबिक इस कैंपस में तकरीबन ढाई हज़ार बच्चे एक साथ पढ़ सकेंगे। जिससे कैंपस मैं पूरे देश से बच्चे पढ़ने आएंगे जिससे आसपास हॉस्टल्स खुलेंगे कई दुकानें खुलेगी जिससे रोजगार भी बढ़ेगा और आसपास की अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा। इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है की अगर लोगों के पास पैसे नहीं है, तो भी वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजकर पढ़ा सकते हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था इतनी अच्छी कर दी गई है। 2015 तक 12वीं पास करके निकलने वाले बच्चों की संख्या तकरीबन ढाई लाख के करीब थी और उनके लिए दिल्ली कॉलेज में सीटें तकरीबन 1.1 लाख के करीब थी जो कि 1.5 लाख के करीब हो गई लेकिन अभी भी 12वीं भारत की पढ़ाई के लिए करीब 1 लाख सीटें कम हैं।
शिक्षा के बाद भी रोजगार न मिलने पर की चर्चा
अरविंद केजरीवाल सर ने इस बात पर भी चर्चा की, की आजकल के युवा की सबसे बड़ी परेशानी रोजगार ना मिलना है। ऐसे में ली गई शिक्षा और डिग्री का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने बताया कि पहले भारत का एजुकेशन सिस्टम बहुत ही ज्यादा अच्छा था लेकिन 1830 मैं अंग्रेजों ने उस पूरे सिस्टम को तहस-नहस कर नया एजुकेशन सिस्टम लागू किया जिससे उन्हें अपने अंडर में काम कराने के लिए क्लर्क मिल सके। अरविंद केजरीवाल सर के मुताबिक आजादी के बाद इस एजुकेशन सिस्टम में परिवर्तन लाने की जरूरत थी, जो कि अभी तक नहीं लाई गई है। और लोग 12वीं के बाद ग्रेजुएशन में आकर बीए बीएससी बीकॉम करके डिग्रियां हासिल कर रहे हैं, लेकिन अब ऐसी शिक्षा देनी होगी जिससे लोग रोजगार हासिल कर सके और इसी बात पर जोर देते चीफ मिनिस्टर सर ने इस बात की भी जानकारी दी कि इस इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में डिजाइंस, ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इनोवेशंस, मशीन लर्निंग और डाटा मैनेजमेंट आदि पर सिखाया जाएगा और यह उम्मीद जताई की यहां से निकलने वाले सभी विद्यार्थियों को नौकरी मिल सकेगी।
नौकरी ढूंढने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनना होगा – अरविंद केजरीवाल
इसके साथ ही उनका यह भी कहना है अगर सभी विद्यार्थी एक साथ नौकरी ढूंढने लगेंगे तो नौकरी नहीं मिलेगी इस बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा हमें ऐसी शिक्षा व्यवस्था बनानी होगी, जिससे हमें नौकरी ढूंढने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनना होगा। इसी के चलते दिल्ली सरकार ने 11वीं,12वीं के बच्चों को बिजनेस में रुचि दिलाने के लिए बिजनेस के लिए प्रेरित करने के लिए एक प्रयास किया जिसे बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम / एंटरप्रेन्योरशिप क्लासेस का नाम दिया। जिसमें 11वीं और 12वीं के बच्चों को ₹2000 देकर बिजनेस करने को बोला। और आपको जानकर हैरानी होगी कि लगभग 300000 बच्चों ने मिलकर 52,000 टीम बनाई और हर टीम ने अपना यूनिक आईडिया बनाया है जैसे किसी ने कॉफी बनाई,किसी ने ताले बनाएं, किसी ने सॉफ्टवेयर बनाया तो किसी ने गेमिंग ऐप बनाई और इस तरह से बच्चों का पूरा माइंड सेट चेंज हो रहा है और वह बिजनेस की और प्रेरित हो रहे हैं, उसमें रुचि ले रहे हैं और मैंने अपने विचार रखते हुए कहा कि अगर ऐसे ही इंट्रप्रनरशिप क्लास से और बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम कॉलेजों में भी शुरू किए जाए तो इससे बच्चे कॉलेज से निकलने के बाद बिजनेस करने के लिए प्रेरित होंगे और अगर कॉलेजों से निकलने वाले 50% बच्चे भी बिजनेस शुरू करते हैं तो वह बाकी बचे 50% बच्चों को रोजगार प्रदान करने में सक्षम हो सकेंगे और इस तरह से बेरोजगारी का ग्राफ भी नीचे आएगा।